मानव अधिकार मूल रूप से वे अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को इंसान होने के कारण मिलते हैं।

मानव अधिकार मूल रूप से वे अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को इंसान होने के कारण मिलते हैं। ये नगरपालिका से लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून तक कानूनी अधिकार के रूप में संरक्षित हैं। मानवाधिकार सार्वभौमिक हैं इसलिए ये हर जगह और हर समय लागू होते हैं। नगर निगम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून में कानूनी अधिकारों के रूप में संरक्षित, इन अधिकारों को अनौपचारिक मौलिक अधिकारों के रूप में जाना जाता है जिसका एक व्यक्ति सिर्फ इसलिए हकदार है क्योंकि वह एक इंसान है।गठन28 सितंबर, 1993 को मानवाधिकार का कानून अमल में लाया गया और 12 अक्टूबर 1993 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया। यह मानवाधिकार दिवस हमें हमारे अधिकारों के बारे में अवगत कराता है कि हम सभी, समानता और स्वतंत्रता के हकदार हैं।हमे कोई भी धर्म, कोई भी जाती, कोई भी इलाका, समाज अपने लिए चुनने कि आज़ादी है हमें स्वतंत्रता है अपने पसंद से किसी भी सरकार को चुन सकते हैं अपनी अभिव्यक्ति के लिए आजाद हैं भोजन, नौकरी, विवाह, स्वास्थ्य जैसी अन्य कई अधिकारों का हर मनुष्य हकदार है।ये अधिकार प्रायः ऐसे ‘आधारभूत अधि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *